यूँ ही एक दिन ...
its about hindi poetry
Tuesday, January 4, 2011
कहाँ से लाऊँ उसे, जिसे अच्छा कहते है सब
मुझे तो बच्चा, कहते है सब
तुम ज़हीन हो, सब तुम्हे सुनते है
मुझे ! अकाल का कच्चा कहते है सब
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