तुम हिन्दू हो, तुम मुस्लमान हो
पर क्यों इतने परेशां हो
अगर ये मंदिर है और ये मस्जिद
तो तुम्ही राम हो , तुम्ही रहमान हो
सुनो धर्म के ठेकेदारों
जरिया हो, ना अल्लाह हो ना भगवान हो
खून-खून में फर्क हो करते
कितने नासमझ हो कितने नादान हो
गर पहचान सको तुम खुद को
तुम्ही वेद की वाणी, तुम अजान हो
उठो जागो और जगाओ
तुम गीता हो तुम्ही कुरान हो